अरोड़ा (पंजाबी: ਅਰੋੜਾ) या अरोड़-वंशी या अरोड़-वंश पंजाब का समुदाय है। अरोड़ा एक व्यापारिक समूह है।अरोड़ा शब्द का अर्थ है पाकिस्तान के सिंध प्रांत के पश्चिमोत्तर भाग में सिंधु नदी के तट पर स्थित ‘अरोड़’ नामक प्राचीन शहर से सम्बन्ध रखने वाले। अरोड़ा खत्री समूह के सामान ही होते हैं। दोनों समूह समान कार्यों में संलग्न हैं, इनका उच्चारण और भौतिक स्वरूप एक समान है, परंपरायें और अनुष्ठान आदि भी समान ही होते हैं। दोनों समुदायों के बीच उपनाम तथा उपसमुदाय लगभग एक जैसे ही हैं। दोनों समुदाय एक दूसरे के काफी निकट हैं से और दोनों समुदायों के बीच शादियां भी होती हैं। इतिहास में ये दोनों समूह कहां से अलग हो गए यह ज्ञात नहीं है। आनुवंशिक परीक्षण दिखाते है कि अरोड़ा, खत्री और राजपूत आनुवंशिक रूप से काफी सामान हैं तथा वे आनुवंशिक रूप से ब्राह्मणों से अधिक समीप हैं बजाय वैश्यों अथवा अनुसूचित जातियों के।[1] अरोड़ा और खत्री केन्द्रीय एशिया में व्यापार में लगे हुए थे।[2][3] उनके द्वारा बनाये गए काबुल के हिन्दू मंदिर तथा बाकू के अग्नि मंदिर अभी तक विद्यमान हैं।
1947 में भारत के विभाजन तथा इसकी आज़ादी से पहले अरोड़ा समुदाय मुख्य रूप से पश्चिमी पंजाब (अब पाकिस्तान) में सिन्धु नदी तथा इसकी सहायक नदियों के तटों; उत्तर-पश्चिम के सीमावर्ती राज्यों (एनडब्ल्यूएफपी) सहित भारतीय पंजाब के मालवा क्षेत्र; सिंध क्षेत्र में (मुख्य रूप से सिन्धी अरोड़ा पर पंजाबी तथा मुल्तानी बोलने वाले अरोड़ा समुदाय भी हैं); राजस्थान में (जोधपुरी तथा नागौरी अरोड़ा/खत्रियों के रूप में); तथा गुजरात में बसा हुआ था। पंजाब के उत्तरी पोटोहर तथा माझा क्षेत्रों में खत्रियों की संख्या अधिक थी। भारत में आजादी तथा विभाजन के बाद, अरोड़ा मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश,दिल्ली, जम्मू, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, गुजराततथा देश के अन्य भागों में रहते हैं। विभाजन के बाद, अरोड़ा भारत और पाकिस्तान के कई हिस्सों के साथ पूरी दुनिया में चले गए।
उत्पत्तिसंपादित करें
1842 में रेखाचित्र सुक्कुर जिले में रोहरी शहर
अरोड़ा नाम अरोड़ नमक स्थान से लिया गया है, जो पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में रोहरी तथा सुक्कुर नामक आधुनिक कस्बों से समीप स्थित था।[4]
अरोड़ रोहरी के 8 किलोमीटर (5.0 मील) पूर्व में स्थित है यह सिंधु के तट पर स्थित है, जहां से नदी पश्चिम की ओर एक तेज मोड़ लेती थी और यह के व्यापारिक केंद्र तथा एक समृद्ध शहर था। यह सिंध की प्राचीन राजधानी थी तथा इसके राजा दाहिर थे। वर्ष 711 में, शहर पर अरब जनरल मोहम्मद बिन कासिम ने अधिकार कर लिया और इसकी राजधानी को कोई 300 किलोमीटर (190 मील) दक्षिण की ओर हाला के निकट मंसूरा ले जाया गया। 10वीं सदी में इसे एक और झटका मिला जब सिंधु नदी ने अपना मार्ग बदल दिया और ऐसा शायद किसी बड़े भूकंप के कारण वर्ष 962 में हुआ।[5] सिंधु का वर्तमान मार्ग अरोड़ के पश्चिम में है। सुक्कुर और रोहरी के आधुनिक कस्बे नदी के दोनों किनारों पर स्थित हैं। अरोड़ अब एक छोटा सा धूल भरा शहर है।
अरोड़ा तीन मुख्य समूहों में बंटे हुए हैं: उत्तराधि, गुजराती तथा दखना। विभाजन के पूर्व 1947 में, वे केवल अपने समुदाय के भीतर ही विवाह करते थे; विभाजन के बाद उन्होंने अन्य अरोड़ा समुदायों के साथ साथ खत्रियों, भाटिया तथा सूद समुदायों बीच भी विवाह करने प्रारंभ कर दिए, पर गोत्र अलग होना आवश्यक था।
अतीत में अरोड़ा को रोर नाम से भी जाना जाता था।
जनसांख्यिकीसंपादित करें
विभाजन से पहलेसंपादित करें
1947 में भारत के विभाजन से पहले, अरोड़ा आमतौर से पंजाब के दक्षिण-पश्चिम भागों, डेरा गाज़ी खान जिला (तथा हाल ही में बना जिला राजनपुर), मुल्तान, बहावलपुर, उत्तरी सिंध, तथा डेरा इस्माइल खान संभाग जो कि उत्तर पश्चिम सीमान्त राज्य में हैं, में रहते थे। इस क्षेत्र की प्रमुख भाषा ल्हांडा है, जिसे अब पाकिस्तान में सेरैकी नाम से जाना जाता है। अरोड़ा लोग अलग अलग संख्या में उत्तर में और आगे बस गए, झांग, मिंवाली, लाहौर, अमृतसर, तथा लायलपुर(जिसे अब फैसलाबाद नाम से जाना जाता है) के जिलों में, साथ ही डेराजाट के दक्षिण में सुक्कुर, शिकारपुर जिला तथाकराची में भी रहने लगे। कोहट में, अरोड़ा वहां के मूल निवासी तथा अप्रवासी अरोड़ाओं में बंट गए; अधिकांश मूल निवासी हिन्दू थे जबकि अधिकांश अप्रवासी सिक्ख थे।
पंजाब के आधे अरोड़ा दक्षिण-पश्चिम में डेरा गाज़ी खान, झांग, मिंवाली, मुज़फ्फरगढ़, मुल्तान व बहावलपुर में रहते थे।[9] भारत के इम्पीरियल गजट के अनुसार (1901), भारत के पंजाब प्रान्त में तीन मुख्य व्यापारिक समुदाय थे – अरोड़ा, बनिया तथा अहलूवालिया – ये क्रमशः दक्षिण-पश्चिम (मुल्तान प्रभाग), दक्षिण-पूर्व (वर्तमान हरियाणा को मिला कर दिल्ली प्रभाग), तथा पूर्वोत्तर (जलंधर प्रभाग) में प्रभावशाली थे; केन्द्रीय क्षेत्र (लाहौर प्रभाग) तथा उत्तर-पश्चिम (रावलपिंडी प्रभाग) में अरोड़ा तथा खत्री संख्या में लगभग बराबर थे।
1901 की प्रान्त की जनगणना में (जिसमें दिल्ली शामिल है) इन समुदायों की संख्या इस प्रकार थी: अरोड़ा 653,000; बनिया 452,000; खत्री 436,000। बहावलपुर के पूर्व शाही राज्य में व्यावहारिक रूप से पूरा वाणिज्य अरोड़ा लोगों के हाथों में था, जबकि पटियाला में अहलूवालिया लोगों का वर्चस्व था। सरकारी कर्मचारियों में से अधिकांश अरोड़ा थे। 1901 की उसी जनगणना में अरोड़ा तथा खत्रियों के संख्या उत्तर-पश्चिम के सीमान्त प्रान्त में क्रमशः 69,000 व 34,000 थी; सिंध प्रान्त तथा खायरपुर के शाही राज्य में ओरडा तथा खत्री लोगों को लोहाना के रूप में गिना जाता था जिसे सिंध का व्यापारिक समुदाय माना जाता था। बहुत से अरोड़ा भारत सरकार के सभी विभागों में पदोन्नत किया गये जैसे अतिरिक्त सहायक आयुक्त, एकाउंटेंट, प्रोफेसर, डॉक्टर, सिविल सर्जन, इंजीनियर, सैन्य अधिकारियों, तथा अदालत के अधिकारियों के रूप में। 1947 में भारत में विभाजन के बाद, पाकिस्तान के अधिकांश हिंदू और सिक्ख अरोड़ा भारत पलायन कर गए।
स्वतंत्रतासंपादित करें
अरोड़ा लोग बाकियों से मिल कर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए। बहुत से लोगों को सत्याग्रह (अहिन्सत्मत प्रतिरोध) के लिए कैद किया गया। कुछ हिन्दू महासभा से जुड़ कर आज़ादी की लड़ाई की, जिसमें मदनलाल पाहवाशामिल हैं। चूंकि अरोड़ा मुख्यतः पश्चिमी पंजाब क्षेत्र से हैं, इसलिए इनमें से अधिकांश को भारत के विभाजन के समय भारत आना पड़ा।
विभाजन के बादसंपादित करें
सिंधु नदी पर साधु बेला आश्रम
महाराजा रंजीत सिंह के समय से या उसके भी पहले से ही अरोड़ा लोग अमृतसर में आकर बस गए थे।[6] यह माना जाता है कि वे सिंध या मुल्तान से आकर लाहौर में बस गए और फिर उसके बाद अमृतसर में। यह निष्कर्ष इस बात से निकला गया है कि काफी लम्बे समय तक केंद्रीय पंजाब में रहने के बाद उन्होंने अपनी देसी भाषा ल्हांडा का प्रयोग बंद कर दिया।[6] अरोड़ा सिख अधिकतर बड़े शहरों में पाए जाते हैं, विशेषकर अमृतसर में। वे विभाजन के पूर्व से ही वहां रह रहे थे। उनके हिन्दू समकक्ष, जिनमे से अधिकांश पाकिस्तान से आकर बस गए थे, मात्र 100 से 400 मील कि दूरी को तय करने में एक महीने या उससे भी अधिक समय की यात्रा पूर्ण करके 1947 में भारत आ गए, वे भूख और प्यास से पीड़ित और बीमार थे और अधिकांशतः उनके पास वही एक मात्र वस्त्र था जिसे उन्होंने पहना हुआ था। अरोड़ा जाति के लोग न सिर्फ इन संकटों के उत्तरजीवी रहे बल्कि वे और समृद्ध भी हुए।[6] अमृतसर गैज़ेटियर यह दावा करता है कि अरोड़ा जाति के लोग बहुत ऊर्जावान और बुद्धिमान होते हैं। वे अधिकतर व्यवसाय और उद्योगों में लगे हुए हैं। एक ही शहर में बसे अपने समकक्षों की तुलना में वे व्यापारिक कौशल में उत्कृष्ट हैं। इस समुदाय के काफी लोग सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।[10] होशियापुर गैज़ेटियर कहता है “स्वतंत्रता से पूर्व, शहर में अरोड़ा जाति के लोगों की संख्या अधिक नहीं थी। 1947 में पकिस्तान से भारत आए गैर-मुस्लिम लोगों के साथ, वे भी यहां आकर बस गए, हालांकि वे छोटी संख्या में आये थे। अधिकतर अरोड़ा लोग पश्चिमी पंजाब (पाकिस्तान) में और फिरोजपुर नगर में बसे थे। पंजाब के पूर्वीय नगरों में उनकी संख्या उल्लेखनीय नहीं थी।
विभाजन से पूर्व, अरोड़ा सिर्फ अपनी उपजाति में या सामान भौगोलिक क्षेत्र के सदस्यों से ही विवाह करते थे, अर्थात, उत्तराधि, दक्खन या दाहरा से। लेकिन विभाजन के बाद, घर वालों की मर्जी से होने वाले विवाहों का सामाजिक दायरा पंजाबी मूल के ही अन्य समुदायों तक विस्तृत किया गया, विशेषकर खत्री, भाटिया और सूद समुदायों में।[6] पंजाबियों के अन्य समुदायों के साथ अंतर्जातीय विवाह (विशेषरूप से ब्राह्मणों और बनिया लोगों के साथ) और भारत और विश्व के अन्य भागों में विवाह करना बहुत आम बात हो गयी और दिन प्रतिदिन यह बात और भी साधारण होती जा रही है। यह सभी उपजातियां भी इतने बढ़िया ढंग से मिश्रित हो गयीं कि अब इनकी ओर समग्र रूप से पंजाबी अरोड़ा कहकर संकेत किया जाता है या मात्र ‘पंजाबी’ समुदाय कहकर संकेत किया जाता है। अरोड़ा लोग (और सामान्यतया सभी पंजाबी), विशेषकर बड़े शहरों में रहने वाले अरोड़ा जाति के लोग और अधिक उदारवादी होते जा रहे हैं और इसी के साथ वर्ण व्यवस्था की अधिकाधिक अवहेलना कर रहे हैं। अब पंजाबियों में, विवाह संबंधों में प्राथमिक माने जाने वाले जाति के मुद्दे का स्थान सामाजिक आर्थिक प्रतिष्ठा ने लिया है।
अरोडवंष की 815 अल्लों (सब कास्ट्स) उपजातियों की सूची
(अ)
1. अकारी |
11. अजहाली |
21. अन्देमानी |
31. अम्बायवादी |
2. अखलेजे |
12. अठरेजा |
22. अनेजे |
32. अमरिये |
3. अगंदा |
13. अथडेजे |
23. अपन |
33. अलंूगिये |
4. अंगी |
14. अथरेजे |
24. अपनेजे |
34. अलूचे |
5. अघेले |
15. अधरेजे |
25. अपहून |
35. अस्तावाधी |
6. अचरू |
16. अधलिखे |
26. अपनबी |
36. असरानी |
7. अछपानेवाले |
17. अन्द |
27. अबरानी |
37. असीजे |
8. अच्छपरानी |
18. अनन्दा |
28. अबयाए |
|
9. अजायती |
19. अन्दरानी |
29. अबहर |
|
10. अजमानी |
20. अन्दाहमुखी |
30. अभवानिये |
|
(आ)
38. आकाली |
40. आनी |
42. आमरे |
39. आभटे |
41. आहूजे |
|
(ई)
43. इच्छुपूजानी |
44. इलाहाबादी |
(उ)
45. उत्तराधी |
46. उधरेकी |
47. उपावेजे-उबावेजे |
48. उतरेजे |
(ए)
49. एघरे |
51. एजियाल |
53. एदानी |
50. एलानहादिये |
52. एलेसवी |
|
(ओ)
54. ओतरेजे |
55. ओपारगे |
56. ओरतेजा |
57. ओरगिये |
(क)
58. ककडे़ |
75. कगड़ा |
92. कचरा |
108. कठोरे |
59. ककरानी |
76. कंधरे |
93. कटारिये |
109. कतरपाल |
60. कतरेजे |
77. करात |
94. काठपाल |
110. केतला |
61. कथल |
78. करानी |
95. किमरिये |
111. केरे |
62. कथूरिये |
79. करेजे |
96. कीरतिये |
112. केहर |
63. कन्तोड़ |
80. करोड़ी |
97. कोनी |
113. केसाजही |
64. कन्धारी |
81. करोड़े |
98. किरानिये |
114. केहरपोत्रे |
65. कनड़े |
82. कलड़ा |
99. कुम्हार |
115. केतरे |
66. कपकजे |
83. कलेरमा (कुमार) |
116. केसरा |
|
67. कमालपुरिये |
84. कलातरा |
100. कुब्बे |
117. केकड़े |
68. करवे |
85. कवातड़े |
101. कुलपलेजे |
118. कोचर |
69. करमानी |
86. कबारजही |
102. कुण्डे |
119. कोरिया |
70. करपालजही |
87. कबायर |
103. कुरड़ |
120. कोरतानी |
71. करबाट |
88. कामरे |
104. कुकरेजे |
121. कोयल |
72. करतने |
89. कालड़े |
105. कुक्कड |
|
73. करसेजे |
90. काट |
106. कुरलै |
|
74. करन्दी |
91. कामली |
107. कूमरे |
|
(ख)
122. खड़
| 129. खरबंदे |
136. खेकभंाजे |
143. खोतडे़ |
123. खण्डपुरिये |
130. खरेजे |
137. खेरबाट |
144. खेत्रपाल |
124. खण्डपुर |
131. खरोदे |
138. खोसरे |
145. खुम्बारी |
125. खदसेजा |
132. खरगोष |
139. खोरिये |
146. खुंगर |
126. खबानिये |
133. खारी |
140. खोराने |
|
127. खपरेजे |
134. खाहरे |
141. खेरे |
|
128. ख्ब्भानी |
135. खेते |
142. खेतो |
|
(ग)
147. गक्खड़ |
162. गगड़ |
177. गावड़ी |
190. गिलहरी |
148. गरपिये |
163. गंध |
178. गाबे |
191. गिरहोत |
149. गन्द |
164. गम्भीर |
179. गांधी |
192. गिलोतरे |
150. गगे |
165. गंड |
180. गोले |
193. गीला |
151. गंगे |
166. गलोटे |
181. गाड़ी |
194. ग्रन्थ |
152. गगनेचे |
167. गजेजई |
182. गाडखेल |
195. गुरीजे |
153. गबरानी |
168. गरगा |
183. गागडे |
196. गुड्डी |
154. गगवानी |
169. गलानिये |
184. गिदड़ |
197. गोरचन्दे |
155. गगनेजे |
170. गगलानी (गिरधर) |
|
198. गुरिये |
156. गुट |
171. गुट्टी |
185. गोटारे |
199. गोरायत |
157. गुलकानिये |
172. गुटतोड़ |
186. गोगिये |
200. गोवारे |
158. गुलाटी |
173. गुलबघर |
187. गोरूनरे |
201. गेरतते |
159. गुरलानी |
174. गेरे |
188. गोरूवाडे |
202. गेरे |
160. गुजर |
175. गोचिज (ग्रोवर) |
203. गोरूवते |
|
161. गुम्बर |
176. गोट |
189. गोरसयनी |
|
(घ)
204 घघरे |
207 घुमार |
210 घुंडीमोड़ |
213 घोग |
205 घावरे |
208 घुलानिये |
211 घेही |
214 घाघे |
206 घीक |
209 घुलाटिये |
212 घोरे |
|
(च)
215 चटाकरे |
225 चचरे |
234 चाहल |
243 चुगत्तिये |
216 चलतर |
226 चनन पौत्रे |
235 चाबे |
244 चोपे |
217 चढे़ |
227 चराई पोत्रे |
236 चावले |
245 चौबरे |
218 चटयानिये |
228 चगाये |
237 चानने |
246 चोथानी |
219 चकदे |
229 चनवाद |
238 चॉंदना |
247 चोतड़े |
220 चलेजे |
230 चराये |
239 चिलड़े |
248 चोटीकपा |
221 चहगें |
231 चटाके |
240 चिलाने |
249 चोटीपट |
222 चकड़ |
232 चकने |
241 चुघ |
250 चोटमुरादे् |
223 चनोनिये |
233 चनन |
242 चुण्ड |
251 चोटलद |
224 चचक |
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(छ)
252 छलवेजे |
255 छकड़ |
258 छाबडे़ |
261 छोरे |
253 छलडारा |
256 छबीले |
259 छूत |
262 छोकरे |
254 छपरे |
257 छाहड़ |
260 छैल |
263 छोडे |
(ज)
264 जसोवे |
271 जनवेजे |
278 जॉंदनी |
285 जोथे |
265 जनीचावला |
272 जतवानी |
279 जॉंजीचन्द |
286 जोखाने |
266 जपके |
273 जन्नी |
280 जुगे |
287 जेसींगे |
267 जमरेजे |
274 जाकन |
281 ज्ुालाहे |
288 जैसधंडी |
268 जगरान |
275 जॉंजीखेल |
282 जुनेजे |
289 जौंभी |
269 जन्डवाई |
276 जावा |
283 जेसिंधिये |
290 जसूजे |
270 जदानी |
277 जाजे |
284 जेसहगी |
|
(झ)
291 झझर |
292 झॉंझरे |
293 झॉंब |
294 झाम |
(ट)
295 टक्कर |
298 टटयानी |
300 टॉंडरे |
302 टाटरा |
296 टक्कर टेक |
299 टनोजिये |
301 टाटरेजे |
303 टारिये |
297 टक्करेजे |
304 टेजे (टुटेजे) |
|
|
(ठ)
305 ठक्क्र |
308 ठठयारे |
311 ठाठभूरे |
314 ठाकरे |
306 ठकनोजिये |
309 ठटई |
312 ठंाड |
315 ठोभरे |
307 ठकराल |
310 ठठानीवारे |
313 ठुड्डी |
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(ड)
316 डढ्ढी |
321 डाहे |
325 डूँगर |
329 डींगरे |
317 डड़डंग |
322 डँाग |
326 डूमरे (डूमडे) |
330 डरेजे |
318 डंगडाई |
323 डागरी |
327 डूमने |
331 डेवरी |
319 डटाईये |
324 डावरे |
328 डोडे |
332 डोमेजे |
320 डडोहे |
333 डोडेजे |
|
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(ढ)
334 ढटावरेजे |
336 ढंगढेरे |
337 ढाढवानिये |
338 ढान्ढे |
335 ढटावने |
339 ढानिये |
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(त)
340 तपंगर |
348 ततरेजे |
356 ताबडे़ |
364 तिगड़े |
341 तंचे |
349 तरवानी |
357 ताने |
365 तिन्ने |
342 तलवार |
350 तंगिेये |
358 तँागल |
366 तुरीजे |
343 तरवानी |
351 तगतोड़ |
359 तारा |
367 तेजा |
344 तनेजे |
352 तागड़े |
360 तानेवाली |
368 तोलबाटरीन |
345 तरपके |
353 तरोने |
361 ताकरा |
369 तोते |
346 तलोजे |
354 तरीकिये |
362 तातने |
370 तोतलानी |
347 तकोजे |
355 तँागा |
363 तीगरे |
371 तोबरेजे |
(थ)
372 थथेडे़ |
373 थरेजे |
374 थाथरी |
(द)
375 दाहोरा |
382 दरजे |
388 दहरानी |
394 दामड़ी |
376 दरगन |
383 दमकतरे |
389 दहोचा |
395 दादरे |
377 दाहोले |
384 दिंगा |
390 देचे |
396 दोल |
378 दाहडे़ |
385 दुम्बवाल |
391 देमला |
397 दोए |
379 दारले |
386 दुधावने |
392 दोहुजे |
398 दोखरे |
380 दानिये |
387 दुरीजे |
393 दोबरेजे |
399 दोपे |
381 दाबड़े |
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(ध)
400 धरमेरे |
404 धरकबदिये |
407 धरेजे |
410 धूनी |
401 धमीजे |
405 धरकमार |
408 धतूरिये |
411 धींगडे |
402 धगलानी |
406 धबारिये |
409 धूमरे |
412 धोन (धवन) |
403 धरवानी |
413 धूड़िये
| |
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(न)
414 नचाती |
420 नारंग |
425 नागरे |
430 निआले |
415 नगई |
421 नागपाल |
426 नालवा |
431 नेमके |
416 नगरानी |
422 नागिये |
427 नन्दवाने |
432 नोगराही |
417 नहगंदी |
423 नागे |
428 नासा |
433 नोरोजे |
418 नरूले |
424 नागुंरू |
429 निवाहिये |
434 नोगरे |
419 नगरेजे |
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|
(प)
435 पसरीचे |
444 पजंमने |
453 पालसिया |
462 पीडी |
436 पबेजे |
445 परेयानी |
454 पाहवे |
463 पेलानी |
437 पनबाटी |
446 पनेरट |
455 पायेहाजी |
464 पोपले |
438 पपडेजे |
447 परचन्डा |
456 पाहूजे |
465 पोपलाया |
439 पंचनदे |
448 पंजे |
457 पातलिया |
466 पोजे |
440 परूथी |
449 पडतने |
458 पुनतेजे |
467 पोपा |
441 पजांबे |
450 पनवानी |
459 पुजारे |
468 पोहली |
442 पजांजही |
451 पहजा |
460 पुलपलेजते |
469 पोतरे |
443 पजंरदे |
452 पयलठे |
461 पुंछी |
|
(फ)
470 फतोहे |
472 फुटेले |
473 फुलचढ़ा |
474 फोबचे |
471 फाडके |
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(ब)
475 बतरे |
486 बड़यानी |
496 बलन्दी |
506 बुद्विराजे |
476 बठले |
487 बड़तने |
497 बजाज |
507 बददानी |
477 बडेजे |
488 बनेले |
498 बब्बर |
508 बलाने |
478 बलूजे |
489 बलवानी |
499 बरेजे |
509 बवेजे |
479 बग्गे |
490 बायड़ |
500 बांगपालिये |
510 बुधरेजे |
480 बगाई |
491 बावेजी |
501 बाजूनेगे |
511 बोटी |
481 बदवेजा |
492 बाघले |
502 बिहीजे |
512 बेहड़ |
482 बदानी |
493 बॉंबरी |
503 बिल्ले |
513 बोटे |
483 बलूचे |
494 बांगे |
504 बुट्टी |
514 बोगरे |
484 ब्रह्यवर |
495 बांदे |
505 बेराया |
515 बोहरा |
485 बागीचा |
516 बर्म्मन |
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(भ)
517 भगतानी |
529 भभवानिये |
541 भाटिया |
553 भुलानी |
518 भवासनिये |
530 भकनेजे |
542 भागजई |
554 भुचानी |
519 भहकानी |
531 भनीजे |
543 भातेफतहेजा |
555 भुड्डी |
520 भरमेजे |
532 भवेसेजह |
544 भानिये |
556 भूसे |
521 भडेजे |
533 भंभवई |
545 भाठे |
557 भुसरी |
522 भ़त्राईये |
534 भभरानी |
546 भालिये |
558 भुटठे |
523 भंगरेजे |
535 भटनेरी |
547 भावने |
559 भेदानी |
524 भठेजे |
536 भभराने |
548 भालने |
560 भोरानिये |
525 भटयानी |
537 भगड़े |
549 भारवाही |
561 भोलाने |
526 भकरिये |
538 भम्भेले |
550 भुडानी |
562 भोडे |
527 भसीजे |
539 भडनाबी |
551 भूंडी |
563 भोरपालने |
528 भमरेजे |
540 भडारिये |
552 भूतने |
|
(म)
564 मरग |
580 मनह |
596 मगंलानी |
612 मिढ़े |
565 मगंचावने |
581 मलूजे |
597 महतानी |
613 मुरादाबादी |
566 महाबन्द |
582 मलहोत्रे |
598 मंजी |
614 मुधीजे |
567 मनचन्दे |
583 मतोके |
599 मनडे |
615 मुखरे |
568 मनोचे |
584 मठरे |
600 मडीजे |
616 मुझारने |
569 मंगवाने |
585 मन्टरयार |
601 मलर |
617 मुरादे |
570 मरकने |
586 मकरानी |
602 मकानी |
618 मुहयाल |
571 मलिक |
587 महगड़ |
603 मानकटाहले |
619 मुंजाल |
572 महन्दीरत्ते |
588 मक्खीचूस |
604 माआंेपोत्रे |
620 मुखीजे |
573 मंगलानी |
589 मनलूजा |
605 मानिये |
621 मुजराल |
574 मदान |
590 मगंमछेर |
606 माटे |
622 मीरॉंरण |
575 मच्छर |
591 मरवाईये |
607 माठ |
623 मेकमदन |
576 मक्कड़ |
592 मोहरिये |
608 मोले |
624 मोरगी |
577 मेदराह |
593 मोगले |
609 मोंगे |
625 मोरलियॉं |
578 मेंडे |
594 मोलरे |
610 मोटे |
|
579 मोलीवाड़े |
595 मुटनेजे |
611 मरानमगो |
|
(र)
626 रस्सेवट् |
638 रपकजी |
649 राजवे |
660 रिछपाल |
627 रतरे |
639 रमाई |
650 रायेजेबी |
661 रिछपटोदा |
628 रखीजे |
640 रखरेजे |
651 राजोये |
662 रूखे |
629 रंगबुले |
641 रढीये |
652 रादोढा |
663 रूठीजे |
630 रहेजे |
642 रजवानिये |
653 राहीजी |
664 रेलन |
631 रचपातूनी |
643 रबारे |
654 रारिचे |
665 रेली |
632 रमली |
644 रलवाइये |
655 रायेमानवी |
666 रेवड़ी |
633 रचासोश्यानी |
645 राजपाल |
656 राजदे |
667 रोकबाये |
634 रहानिये |
646 रामगदी |
657 राजवेडा |
668 रोडी |
635 रडी |
647 रावल |
658 रामदेव |
669 रोडीराम |
636 रडवोहरे |
648 राजानी |
659 रायेबाला |
670 श्रोसीधारने |
637 रतवानी |
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(ल)
671 लकडे |
679 लखीेजे |
686 लूथडा़ |
694 लेई |
672 लगॉंनी (लीखा) |
687 लल्ले |
695 लोटे |
673 लखानी |
680 लडानिये |
688 ल्ुाधेरे |
696 लोची |
674 लंगड़ |
681 लखड़ी |
689 लूम्बड |
697 लेहाने |
675 लटानी |
682 लमल्ली |
690 लूमड़े |
698 लोहिये |
676 ललते |
683 लाखड़े |
691 लुलेजे |
699 लोपाल |
677 लहीजे |
684 लातीपाल |
692 ल्ूनिये |
700 लोगन |
678 लखिये |
685 लुॅंड (लूणा) |
693 लेखड़े |
|
(व)
701 वकवादे |
711 वजसींजे |
720 वमरेजे |
729 वलड़ी |
702 वरपाली |
712 वनोचे |
721 वहेड़ |
730 वटारे |
703 वधवे |
713 वरदाऊ |
722 वधरानी |
731 वतरेजे |
704 वढ़खने |
714 वल्हीटियर |
723 वयानरेजे |
732 वधीजे |
705 वढ़ेरे |
715 वनतरेजा |
724 वतराने |
733 वखेड़े |
706 वते |
716 वझारे |
725 वदईये |
734 वबीजे |
707 वरमानी |
717 वलीचे |
726 वखावने |
735 वयानी |
708 वलवेच732 |
718 वासदेव |
727 वोगर |
736 वेहूखाने |
709 वडेरे |
719 वासन |
728 वेनीवखाली |
737 वेटा |
710 वातराने |
738 वैड |
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(ष)
739 शक्करसिधे |
740 शेगरी |
741 शोरे |
(स)
742 सपडे़ |
755 संगोटिये |
767 सतीजे |
779 सुबंगी |
743 सखरे |
756 सला |
768 सनीजे |
780 सूरी |
744 सबाटिया |
757 सन्देसी |
769 सबेड़ |
781 सुखीजे |
745 सधवानिये |
758 सठखेरे |
770 सन्धोज |
782 सूतडे़ |
746 संगीलोडी |
759 संगी |
771 सलूजे |
783 सुनता |
747 संडोजे |
760 सजेया |
772 सहूरिये |
784 सुगन्धा |
748 सधवरे |
761 सडाने |
773 सखीवोटी |
785 सेठी |
749 सहवाई |
762 सचदेवा |
774 संावरी |
786 सेतिये |
750 सगाई |
763 सती |
775 साखपुरिये |
787 सोनी |
751 सवारेजई |
764 सजा |
776 सीकरी |
788 सोढ़ी |
752 सटोपा |
765 सव्वनी |
777 सिक्के |
789 सोभरेजे |
753 सचदेवा |
766 सदा |
778 सधुॅंरिये |
790 सोसाडीन |
754 सपरेचा |
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(ह)
791 हजरती |
796 हडप |
801 हरमेजे |
806 हिन्दयानी |
792 हंस |
797 हहोजे |
802 हरली |
807 होंडईय |
793 हफदमी |
798 हरयानी |
803 हरेजा |
808 होकडे़ |
794 हडे |
799 हरनेजे |
804 हदिया |
809 होडा |
795 हंडोजे |
800 हतिया |
805 हाडी |
810 ळोजे |
811 आडवानी |
812 खट्टर |
813 पपनेजे |
814 मरेजे |
815 हसीजा |
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